नाग पंचमी 2025 – हमारे हिंदू धर्म में सावन महीने में आने वाली नाग पंचमी का बहुत ही खास महत्व है! क्योंकि यह पर्व हर वर्ष भगवान भोलेनाथ जी के अति प्रिय सावन माह में आता है! इस दिन नाग देवता की पूजा की जाती है! कहा जाता है कि उनकी भी जन्म कुंडली में कालसर्प का योग हो उन्हें इस दिन भगवान भोलेनाथ जी की विशेष पूजा करनी चाहिए! नाग पंचमी के दिन लोग शिव मंदिर जाकर जल चढ़ाते हैं और नाग देवता की पूजा करते हैं! श्रवण माटी शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी का पर्व मनाया जाता है! जिन लोगों की कुंडली में कालसर्प का योग होता है वह इस दिन मंदिर में जाकर नाग देवता पर दूध का अभिषेक करते हैं!
कई जगहों पर, लोग अपने घर के दरवाजों पर गाय के गोबर से नाग बनते हैं और उनकी पूजा अर्चना करते हैं! कुछ लोग इस पावन पर्व पर व्रत का संकल्प भी लेते हैं! खासकर, यह त्योहार भारत और नेपाल में पूरी सुविधा के साथ बनाया जाता है हिंदू कैलेंडर के अनुसार इस साल नाग पंचमी सावन के महीने में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 29 जुलाई को मनाई जाएगी!
नाग पंचमी 2025
नाग पंचमी का महत्व- जैसे कि हमने आपको बताया की नाग पंचमी सावन के महीने में आती है जो कि भगवान शिव को एक समर्पित पवित्र माह है, यह दिन विशेष करके नागों को समर्पित है, अत्यंत महत्वपूर्ण बात यह है कि नाग पंचमी के इस शुभ दिन पर भक्त भगवान के रूप में सांपों की पूजा करते हैं अर्थात कई ऐसी जगह पर लोग मिट्टी से सर्प बनाते हैं और उनकी अलग-अलग ढंग से सजावट करते हैहमारे हिंदू धर्म में कुछ एक ऐसे परिवार हैं जिसमें नाग देवता को एक विशेष स्थान दिया गया है, अर्थात कुल देवता का भी स्थान दिया गया है!

जैसे की घर का कोई भी मंगल शुभ कार्य होता है तो सबसे पहले अपने कुल देवता को यानी नाग देवता की पूजा की जाती है! इस विशेष पर्व पर सांपों से जुड़े मंदिरों में जाकर उनकी पूजा भी करते हैं! इस त्यौहार को बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है! देवताओं के रूप में नागो को भिन्न-भिन्न रूप में जाना जाता है जैसे की वासुकी नाग अर्थात भगवान भोले शंकर जी के कंठ में विराजमान नाग देवता को पैसों की ना कहा जाता है! इसके अलावा तक्षक नाग, शेषनाग इत्यादि! शेषनाग को नागों का राजा माना गया है!
नाग पंचमी तिथि 2025 और समय –
प्रारंभ समय | 19:54, जुलाई 28, 2025 |
समाप्त | 21:16, 29 जुलाई, 2025 |
पूजा का समय | सुबह 05:41 से 08:23 बजे तक, 29 जुलाई, 2025 |
दिनांक | मंगलवार, 29 जुलाई 2025 |
“29 जुलाई 2025 को पूजा मुहूर्त 2 घंटे 43 मिनट का रहेगा“
नाग पंचमी की पूजा विधि-
नाग पंचमी के दिन पूजा करने से घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है। जिन लोगों को बार-बार बाधाएं या अशुभ सपने आते हैं, उनके लिए यह पर्व विशेष फलदायक माना गया है। इस दिन सांपों को दूध पिलाना, शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाना और घर के मुख्य द्वार पर नाग चित्र बनाकर उसकी पूजा करना विशेष लाभ देता है। इस दिन व्रत रखने से पितृ दोष और कालसर्प दोष में भी राहत मिलती है। नाग पंचमी पर मन, वचन और कर्म से पवित्र रहकर पूजा करना अत्यंत शुभ और फलदायक माना गया है।
मंत्र जाप – ओम नमः शिवाय, महामृत्युंजय मंत्र, हनुमान चालीसा, इत्यादि मंत्र का जाप करें!
- प्रातःकाल ब्रह्म मुहूर्त में उठकर जिसे कि हमारे शास्त्रों में सबसे अधिक उत्तम और सर्वश्रेष्ठ महत्व दिया गया है, अर्थात स्नान इत्यादि करके, संभव हो तो अपने स्नान में शुद्ध गंगाजल को जरूर मिला ले!
- अपने घर के पूजा मंदिर स्थल में शिव परिवार की तस्वीर अवश्य ही लगा ले!
- पूजा आरंभ करने से पूर्व पूजा सामग्री को एकत्रित करें!
- पूजा सामग्री में सफेद रंग के पुष्प, पवित्र गंगाजल, गाय का दूध, गाय का घी, शक्कर, धतूरा, सफेद चावल (टूटे चावल पूजा के प्रयोग में ना रखें) इत्यादि!
- पूजा की सामग्री में आप अपनी श्रद्धा के अनुसार शिवलिंग और नाग देवता की पूजा के लिए सामग्रियां एकत्रित कर सकते हैं!
- संभव हो तो इस दिन मिट्टी या चांदी से बने हुए नाग की प्रतिमा अपने घर में अवश्य रखें!
- नाग पंचमी के दिन अपने घर के आसपास किसी शिव मंदिर में जाकर भगवान भोले शंकर जी की और नाग देवता की पूजा आराधना और शिव करें!
- इस दिन भगवान शंकर को सफेद दूध से बनी चीजों का भोग अवश्य चढ़ाए!
नाग पंचमी के कुछ विशेष उपाय –
जिन व्यक्तियों की कुंडली में कालसर्प का योग/दोष होता है, उनके लिए यह दिन बहुत ही लाभकारी होता है!
- इस दिन शिवलिंग पर गाय का दूध अवश्य चढ़ाना चाहिए!
- इसके अलावा उस व्यक्ति को रोजाना कुलदेवता की प्रतिदिन पूजा करनी चाहिए।
- प्रतिदिन महामृत्युंजय मंत्र का कम से कम 108 बार जप करना चाहिए।
- हनुमान चालीसा का रोजाना 11 बार पाठ करना चाहिए।
- कालसर्प से पीड़ित व्यक्ति को अपने घर में मोरपंख रखने चाहिए।
इस तरह से नाग पंचमी के दिन जो व्यक्ति पूर्ण श्रद्धा से पूजा अर्चना करता है उसे अवश्य ही उत्तम फल की प्राप्ति होती है!