बुध अष्टमी व्रत 2025, पूजा विधि और कथा – हमारे हिंदू पंचांग में बुध अष्टमी का व्रत अत्यधिक शुभ माना गया है| सांस्कृतिक मान्यताओं के अनुसार बुध अष्टमी का व्रत करने वाले मनुष्य के जीवन से सभी प्रकार के पाप नष्ट हो जाते हैं| बुध अष्टमी व्रत 2 जुलाई बुधवार को मनाया जाएगा|
अष्टमी तिथि हमारे शास्त्रों में बहुत ही शुभ मानी गई है| बुधवार के दिन पढ़ने वाली अष्टमी को बुध अष्टमी कहा जाता है| इस दिन सूर्य देव से उत्पन्न बुध देव की पूजा की जाती है| पूजा करने की विधि हम आपको संक्षेप में बताएंगे जिसकी मदद से आप इस व्रत को विधिवत संपूर्ण कर सकते हैं| कहा जाता है कि जिन लोगों की जन्म कुंडली में बुध ग्रह कमजोर होता है उन्हें इस व्रत को करने से बहुत ही लाभ मिलता है|
बुध अष्टमी व्रत 2025

अष्टमी तिथि का हमारे हिंदू शास्त्र में अत्यधिक महत्व रहा है| यह तिथि चंद्र पक्ष में दो बार आती है| प्रथम शुक्ल पक्ष के समय एवं द्वितीय कृष्ण पक्ष के समय आती है| मान्यता यह है कि अगर यह तिथि बुधवार के दिन आए तो इसका आना बहुत ही शुभ माना जाता है| शुक्ल पक्ष में पढ़ने वाली अष्टमी तिथि के स्वामी भगवान शिव हैं| जो कोई व्यक्ति भगवान शिव की आराधना सच्चे मन से करता है उसकी मनोकामना अवश्य ही पूर्ण होती है| प्रत्येक मनुष्य को अपने जीवन में सफलता, धैर्य, धन, इत्यादि कुछ ऐसी खास चीजों की आवश्यकता होती है तो वह व्यक्ति इस व्रत को कर अपनी मनोकामना पूर्ण कर सकता है|
बुध अष्टमी व्रत की महत्वता
- बुध अष्टमी का व्रत करने वाले व्यक्ति को प्रातः काल ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान इत्यादि कर पूजा का संकल्प लेना चाहिए|
- अपनी श्रद्धा के अनुसार पूजा थाली में पूजा की सामग्री रखें एवं व्रत का संकल्प लेते हुए सर्वप्रथम गणेश जी, भगवान भोलेनाथ, मां पार्वती एवं बुध ग्रह देवता का आवाहन करें|
- मान्यता है कि बुध ग्रह को अगर मजबूत करना हो तो इस बार पढ़ने वाली बुध अष्टमी के दिन आप हरे मूंग की दाल का दान करें तथा अपने घर के किसी नजदीकी शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग पर हरी मूंग अर्पित करें|
- अगर हो सके तो बुधवार के दिन हरे रंग के वस्त्र धारण करें|
- व्रत के पश्चात परिवार के सभी सदस्यों एवं स्वयं भोजन में हरी मूंग की दाल का सेवन करें|
- आर्थिक समस्याओं या धन से संबंधित समस्याओं से परेशान हैं तो बुधवार के दिन ऋणहर्ता गणेश स्तोत्र का पाठ अवश्य करें|
- बुधवार के दिन गाय को हरा चारा एवं हरा पालक अवश्य खिलाएं|
बुध अष्टमी व्रत 2025 को करने के फायदे
- जो भी व्यक्ति इस व्रत को संपूर्ण मन से एवं पूरे विधि विधान से पूर्ण करता है उसके सभी कार्य सफल हो जाते हैं एवं पाप नष्ट हो जाते हैं|
- बुध अष्टमी का व्रत करने से सभी प्रकार के सुख, सौंदर्य एवं ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है|
- बुध अष्टमी का व्रत करने से व्यक्ति अपनी कुंडली में कमजोर बुध ग्रह को मजबूत कर अपने जीवन में सुख का आनंद ले सकता है|
बुध अष्टमी व्रत की सावधानियां एवं उपाय
- जो भी व्यक्ति इस व्रत का संकल्प लेता है, उसे विशेष बातों का ध्यान अवश्य रखना चाहिए जैसे कि व्रत के दौरान झूठ ना बोले, लड़ाई झगड़े से दूर रहें एवं पूरे विधि विधान से इस व्रत को सच्चे मन से संपूर्ण करें|
- बुध अष्टमी का व्रत करने वाले व्यक्ति को भगवान का नित्य नियम से ध्यान करना चाहिए तथा अधिक से अधिक प्रभु कीर्तन करना चाहिए|
- ध्यान रखें इस दिन मंदिर अवश्य जाएं या अपने घर के मंदिर में बैठकर प्रभु का कीर्तन अवश्य करें|
- गौ सेवा बुध अष्टमी व्रत करने वाले व्यक्ति को जरूर करनी चाहिए|
- गाय को मीठी रोटी एवं हरा चारा और हरी पत्तियाँ अवश्य खिलाएं|
- भगवान गणेश जी की आराधना करें|
- नजदीकी गौशाला में दान करें|
इन सभी गतिविधियों को जो व्यक्ति पूरे सच्चे मन एवं निष्ठा से पूरा करता है वह व्यक्ति अवश्य ही मनचाहा फल प्राप्त करता है|
FAQ
बुध अष्टमी व्रत 2025 में 2 जुलाई, बुधवार को मनाया जाएगा|
इस दिन भगवान गणेश, भगवान शिव, माता पार्वती और बुध ग्रह देवता की पूजा की जाती है|
बुध ग्रह का रंग हरा होता है, इसलिए हरे रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है|
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